गंगाजल पवित्र क्यों है:- गंगा नदी में कुछ खास तरह के बैक्टीरिया पाए जाते है जिन्हें bacteriophase कहा जाता है। ये bacteriophase गंगा नदी में मौजूद दूसरे हानिकारक बैक्टीरिया को निगल कर उन्हें खत्म कर देते है। यही कारण है कि घरों में रखा हुआ गंगा नदी का पानी कभी खराब नही होता।
ओम का विज्ञान:- कहा जाता है कि जब ओम का उच्चारण किया जाता है तो इसकी vibrational frequency 432Hz होती है और ब्रह्मांड में मौजूद हर एक वस्तु की vibrational frequency भी 432HZ है।
हनुमान चालीसा में छुपा अनोखा विज्ञान:- वैज्ञानिको के अनुसार सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है। लेकिन सैकड़ों साल पहले ही तुलसीदास द्वारा लिखी गई हनुमान चालीसा के एक दोहे में यह बता दिया था कि सूर्य और पृथ्वी के बीच की कितनी दूरी है। तुलसीदास द्वारा लिखी गयी हनुमान चालीसा के 18वीं चौपाई में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का वर्णन किया गया है। ये दोहा कुछ इस प्रकार है
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
इस दोहे में सबसे पहले जुग शब्द आता है जिसका मतलब 12हज़ार साल होते है। इसके बाद सहस्त्र शब्द आता है आपको बता दे कि एक सहस्त्र 1000 के सम्मान होता है। इसके बाद जोजन शब्द आता है आपको बता दे कि एक जोजन 8 मील के बराबर होता है और भानु सूर्य को कहा जाता है।
युग x सहस्त्र x योजन = पर भानु यानि सूर्य की दूरी
12000 x 1000 x 8 मील = 96000000 मील
एक मील = 1.6 किमी
96000000 x 1.6 = 153600000 किमी
इसी के आधार गोस्वामी तुलसीदास ने बता दिया था कि सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है।
108 अंक का विज्ञान:- दोस्तो हमारे ऋषि-मुनियों ने अपने आधुनिक विज्ञान से सालों पहले ही सौरमंडल की गहन खोज कर ली थी। सूर्य की जितनी पृथ्वी से दूरी है, वह सूर्य के व्यास से 108 गुणा अधिक है और वही चंद्रमा की पृथ्वी से जितनी दूरी है, वह चंद्रमा के व्यास से 108 गुणा अधिक है। इन सबके साथ सूर्य का कुल व्यास पृथ्वी के कुल व्यास से 108 गुणा अधिक है।
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